This one is for my lovely wife:
सुबह तुम्हारी मुस्कानों से
सूरज को किरणें मिलती हैं
रात तुम्हारी अलसाई सी
अँगड़ाई से ही होती है
सुन्दरता की परिभाषा भी
देख तुम्हें परिभाषित होती
फूलों की कलियाँ भी तुमको
देख रंग यौवन पाती हैं
इन्द्रधनुष में रंग तुम्हीं से
पंछी की उमंग तुमसे है
झरनों का संगीत तुम्हीं से
फूलों में सुगंध तुमसे है
मेरी आँखों में देखा जो
जीवन का उपहार दिया है
पलक झुकाकर और उठाकर
नयनों ही से बात किया है
नूपुर की इस मधुर ध्वनि में
जीवन का संगीत सुना है
मेरे मन ने तुमको प्रियतम
जीवन भर का मीत चुना है
No comments:
Post a Comment